Bihar Jamin Rate बिहार में जमीनों के रेट पर हो सकता है बड़ा बदलाव, नीतीश सरकार के फैसले से क्या होगा असर?
Bihar Jamin Rate बिहार में नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। वैशाली, सीतामढ़ी, और चनपटिया जैसे जिलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, ताकि राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
Bihar Jamin Rate बिहार में नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। वैशाली, सीतामढ़ी, और चनपटिया जैसे जिलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, ताकि राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिल सके।बिहार में औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन अधिग्रहण की दरें (Bihar Jamin Rate) अब नए सिरे से तय की जाएंगी। यह फैसला नीतीश सरकार द्वारा लिया गया है, जिससे राज्य में औद्योगिकीकरण को और बढ़ावा मिलेगा। इस फैसले के तहत रैयतों को सर्किल रेट से अधिक मुआवजा मिलेगा और उद्यमियों के लिए जमीन की कीमत अलग दर पर तय की जाएगी। राज्य कैबिनेट ने तीन जिलों के लिए राशि जारी की है और इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जमीन अधिग्रहण की नई दरों का उद्देश्य
बिहार में नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। वैशाली, सीतामढ़ी, और चनपटिया जैसे जिलों में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, ताकि राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिल सके। इस प्रक्रिया में रैयतों को मुआवजा सर्किल रेट से अधिक मिलेगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा। इसके साथ ही, उद्यमियों के लिए भी अलग दरों पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में निवेश आकर्षित किया जा सके।
वैशाली में 1243.45 एकड़ जमीन का अधिग्रहण
वैशाली जिले में 1243.45 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने एक हजार करोड़, 92 लाख रुपए की राशि आवंटित की है। यह राशि जमीन अधिग्रहण के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रक्रिया को आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के माध्यम से पूरा किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे राज्य में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सीतामढ़ी में 504.52 एकड़ जमीन का अधिग्रहण
सीतामढ़ी जिले के दो अंचलों, सोनबरसा और नानपुर, में कुल 504.52 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होगा। इसके लिए 298.77 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है। यह कदम राज्य में औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि नए औद्योगिक इकाइयों के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध कराई जा सकेगी।
चनपटिया में 29.30 एकड़ जमीन का अधिग्रहण
चनपटिया में 29.30 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जो बाजार समिति परिसर की जमीन है। कृषि विभाग इस जमीन को उद्योग विभाग को हस्तांतरित करेगा। इस भूमि का उपयोग औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए किया जाएगा, जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
बियाडा द्वारा भूमि का विकास और दरों का निर्धारण
जमीन का अधिग्रहण होने के बाद उसे बियाडा (Bihar Industrial Area Development Authority) को सौंपा जाएगा। बियाडा इसके बाद भूमि का विकास करेगा और उसकी नई दरें तय करेगा। बियाडा की यह भूमिका राज्य में औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने में महत्वपूर्ण होगी। इसके माध्यम से जमीन की सही कीमत तय की जाएगी, जिससे उद्यमियों के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी।
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार की भूमिका
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) के तहत राज्य में नौ क्लस्टर और 84 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए गए हैं। बियाडा के पास पहले 7592.39 एकड़ भूमि थी, जिसमें से अब केवल 1407 एकड़ भूमि ही आवंटन के लिए शेष रह गई है। नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के प्रस्तावों को देखते हुए, अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता महसूस हो रही थी। यही कारण है कि सरकार ने नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की है।
जमीन अधिग्रहण से जुड़े विवादों का समाधान
जमीन अधिग्रहण के दौरान कई बार विवाद उत्पन्न होते हैं, खासकर रेलवे और एनएच के लिए अधिग्रहीत जमीन के मूल्य और दरों को लेकर। इस मुद्दे को हल करने के लिए राज्य सरकार ने जिला स्तर पर एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। यह समिति जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने का काम करेगी और पारदर्शी निर्णय लेकर मामलों को खत्म करेगी।
मुआवजे के लिए नए तरीके
बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है कि अब रैयतों को सर्किल रेट से अधिक मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा, जमीन अधिग्रहण के बाद जमीन का विकास किया जाएगा और उसकी नई दर तय की जाएगी। इससे रैयतों को बेहतर मुआवजा मिलेगा और राज्य में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
भूमि का वर्गीकरण और दर निर्धारण
जमीन का वर्गीकरण और दर निर्धारण में निबंधन विभाग से सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक का प्रस्ताव दिया गया है। इस बैठक में न्यूनतम मूल्य निर्धारण पर चर्चा की जाएगी, ताकि भूमि के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता बनी रहे।
कुल मिलाकर, बिहार में औद्योगिक विकास को लेकर सरकार का यह कदम काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। जमीन के उचित मूल्य निर्धारण से रैयतों को फायदा होगा, और उद्यमियों को अनुकूल परिस्थितियां मिलेंगी।